Motivation.

मेरा परिचय मायने नहीं रखता पर आज जो आपसे अपना अनुभव साझा करने जा रही हूं वो शायद आपके जीवन की राह को बदल दे ।
तो..मै यू ही अपने घर मै टहल रही थी आखिर लॉकडाउन का समय है करे भी क्या..
तो मै देखती हूं कि एक छोटी सी चिड़िया मेरे पंखे के ऊपर दरी सहमी सी बैठी थी..
ऐसा प्रतीत हो था मानो अपनी मां से बिछड़ , रास्ता भटक गई हो।
वो धीरे धीरे  उडने की कोशिश करती हुई , एक पंखे से दूसरे पंखे , दूसरे पंखे से मेज उड़ रही थी।
और कई बार ऐसा ही कर रही थी..ऐसा लग रहा था कि कैसे भी करके उसे अपनी मां के पर जाकर उसकी गोद में छिप जाना हो।।पर जिंदगी की लड़ाई से मां तो क्या भगवान भी स्वयम् नहीं बचा पाए।
थकी हारी हुई , डरी सहमी सी और भूक प्यास से व्याकुल वो बस एक राह की तलाश मै पर शायद उसकी मां ने भी उसे हार मानना नहीं सिखाया था।
चोट धक्के खाने के बाद भी उसने अपनी तलाश जारी रखी। काफी समय तक ऐसे ही भटकती रही, कुछ समय बाद बाहर का दरवाजा तो नहीं पर एक खिड़की जरूर मिल गई ।
जब उसने बाहर देखो तो मानो उसे जिंदगी मिल गई हो।
हमारा जीवन भी इसी प्रकार कमरे में बंद एक परिंदे के समान है जो जानता ही नहीं आसमान कितना बड़ा है।
हमे बस सीमित चीजों का ज्ञान है और हम  सोचते है कि हम उस बड़े आसमान मै उड़ने के काबिल नहीं।
पर एक बार अपने मन से कहकर तो देखो कि यार..बस एक राह , एक मोड़ कि जरूरत है। काबिल तो तू हर चीज के लिए है बस खुद को समझने की देर है।
अपनी काबिलियत को पहचान और वो नीला आसमान तेरा इंतजार कर रहा है।। 

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