आग की कोख से जन्मी : द्रौपदी
द्रौपदी : पांचाली के महाराज द्रुपद की पुत्री, पांच पांडवो की अकेली रानी ,कृष्ण की प्रिय सखा , आग से जन्मी: द्रौपदी। द्रौपदी, जिसकी सुंदरता और महानता के किस्से किसने नहीं सुने? जिसने अपने शत्रुऔ को राख में बदल दिया। द्रौपदी का जन्म होते ही आकाशवाणी हुई कि यह कन्या कुरू वंश के पतन का कारण बनेगी। महाभारत में द्रौपदी को बेहद खूबसूरत बताया गया है। उनकी आंखें फूलों की पंखुडियों की भांति थी, वह काफी कुशाग्र और कला में दक्ष थी। उनके देह से नीले कमल की खुशबु आती थी। महाराज द्रुपद की पुत्री होने के कारण उनका नाम राजकुमारी द्रौपदी रखा गया। प्रुशत की पोती होने से उन्हें परसती कहा जाता था। सांवला रंग और लंबे केश होने और श्री कृष्ण की प्रिय सखा होने के करण उन्हें कृष्णा नाम भी दिया गया। उनका और श्री कृष्ण का संबध कुछ अनोखा ही था । द्रौपदी भगवान कृष्ण को ही अपना सच्चा सखा, साथी और भ्राता मानती थीं। एक वही थे जो संकट के वक्त में द्रौपदी के साथ खड़े थे।। महाराज द्रुपद ने उनके विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया जिसमें कई राज्यो के राजकुमारो ने हिस्सा लिया।द्रौपदी की सुंदरता के कर